एक तरफ़ देश में चाइनीज़ वायरस फैलाने के षड्यंत्र हो रहे हैं, तो दूसरी तरफ़ ऐसे प्रयास भी चल रहे हैं कि महामारी से लड़ाई में देश का मनोबल टूट जाए। लगभग दो सप्ताह से पूरा देश अपने घरों में बंद है। लोगों को तरह-तरह की समस्याएं रोज़मर्रा में उठानी पड़ रही हैं। लोगों के मनोबल को बनाए रखना भी सरकार का काम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर 5 अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए लोगों ने दीये जलाए। लोगों ने बढ़चढ़कर इसमें हिस्सा भी लिया। लेकिन नकारात्मकता में गर्दन तक धँसे इसी देश के कुछ लोगों के लिए यह भी विलाप का मौक़ा साबित हुआ। सबसे पहले एक झूठ फैलाया गया कि 9 मिनट के लिए घरों की बिजली बंद करने पर ग्रिड फेल हो जाएगी और पूरे देश में बिजली चली जाएगी। इसके बावजूद वो भ्रम फैलाने में नाकाम रहे तो आयोजन के बाद उन्होंने नए सिरे से झूठ फैलाना शुरू कर दिया।
कुछ समाचार चैनलों और अफवाही तंत्र के संपादकों ने एक वीडियो फैलाते हुए दावा किया कि प्रकाश पर्व के दौरान महाराष्ट्र के सोलापुर में हवाई अड्डे पर आग लग गई। फेक न्यूज़ फैलाने के लिए दुर्दांत राजदीप सरदेसाई ने इस अफ़वाह की अगुवाई की। इस समाचार के साथ जो वीडियो दिखाया गया वो इसी साल 3 फ़रवरी को एयरपोर्ट के पास झाड़ियों में लगी आग का था। दो महीने से ज़्यादा पुरानी घटना का वीडियो कोई आनन-फ़ानन में ही नहीं निकल जाता। यह तय है कि इस झूठ को सही समय पर फैलाने का बाक़ायदा षड्यंत्र रचा गया होगा। क्योंकि ठीक इसी समय पर एयरपोर्ट पर एक बेहद मामूली आग भी लगी। जिसे वहाँ के कर्मचारियों ने फैलने से पहले रोक भी लिया। घटना की जाँच की जाए तो हो सकता है कि पूरी कहानी उजागर हो जाए। खैर इस प्रकाश पर्व को लेकर राजदीप सरदेसाई की बौखलाहट इसी से समझी जा सकती है कि उन्होंने इसे "खूनी दिवाली" करार दिया।
देश में आतिशबाजी या दीपोत्सव तो कई दूसरे मौक़ों पर भी होता है, लेकिन जो तिलमिलाहट दिवाली में दिखती है वही 9 मिनट के कार्यक्रम में भी देखने को मिली। अचानक से प्रदूषण की समस्या भी उठ खड़ी हुई। एनडीटीवी और टाइम्स समूह के कई पत्रकारों ने आग और प्रदूषण फैलने की ख़बरें सोशल मीडिया के ज़रिए फैलानी शुरू कर दीं। दिल्ली के खान मार्केट में लोकनायक भवन में आग की अफ़वाह भी फैलाई गई। अफ़वाह फैलाने के ये छिटपुट मामले होते तो भी चल जाता। देश के अलग-अलग शहरों में पिछले कुछ सप्ताह में लगी आग की घटनाओं को 9 मिनट के इस आयोजन से जोड़ दिया गया। देश के लिए यह एक नाज़ुक समय है। ऐसे समय में इन अफ़वाहों और उन्हें फैलाने वालों का उद्देश्य समझना बहुत मुश्किल नहीं है। जनता को न सिर्फ़ चाइना के फैलाए वायरस से सावधान रहना होगा, बल्कि उसी के पाले-पोले अफवाही तंत्र से भी बचकर रहना होगा।