लॉकडाउन जरूरी पर अंतिम उपाय नही : डॉ० पीके श्रीवास्‍तव



समूह टेस्टिंग कर कोरोना कैरियर की करें पहचान


देश में उत्पन्न विश्वव्यापी महामारी कोरोना से बचाव के लिये भारत सरकार ने *21 दिन का देश व्यापी लॉकडाउन* किया है, और संभवतः इसे आगे एक या दो सप्ताह बढ़ाने के लिये विचार कर रही है। परंतु सिर्फ लॉकडाउन ही एक अंतिम कारगर उपाय नही है, अपितु अन्य विंदुओं पर भी ध्यान देना आवश्यक है।आई सी एम आर के मुताबिक देश में विगत मंगलवार तक 1,21,271 लोंगो की जांच की गयी। इस वक्त आई सी एम आर के तहत *139लैब* संचालित हैं,जबकि *65 निजी लैब* भी जांच कर रहे हैं। देखा जाय तो हमारे देश की आबादी के हिसाब से प्रत्येक 10 लाख में सिर्फ 35 लोगों की ही जांच हो पा रहा है जो अन्य देशों के मुकाबले बहुत कम है।


वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देखा जाय तो *घनी जनसंख्या* के बावजूद बाकी दुनिया के मुकाबले भारत कोरोना के संक्रमण को रोक पाने में काफी हद तक सफल रहा, लेकिन अब इसे लॉक डाउन को लेकर अत्यधिक सख्ती बरतनी होगी एंव अधिक संख्या में जांच करनी होगी। तभी हम कोरोना के संक्रमण को निस्तेज कर पायेंगे।


इसका कारण यह है कि ऐसे भी लोग हो सकते हैं जिनमे बीमारी का कोई लक्षण भले न हो लेकिन वे *कोरोना कैरियर* हों। अभी भी ऐसे कोरोना कैरियर की जांच नही हो पा रही है।


जिस प्रकार दक्षिण कोरिया ने बीमारी का पता चलते ही *समूह टेस्टिंग* शुरू की और अत्यंत कम समय में कोरोना को निस्तेज किया। उसी प्रकार अब भारत को भी समूह टेस्टिंग के तरफ कदम बढ़ाना पड़ेगा। बड़े पैमाने पर की गयी टेस्टिंग से हम ऐसे कोरोना कैरियर के पता लगा सकते हैं,और इसे फैलने से रोक सकते हैं।


कोरोना को फैलने से रोकने के लिये हमें इन योजनाओ पर काम करना होगा। पहला टेस्ट दूसरा ट्रेस व तीसरा ट्रीटमेंट।यदि हमारी सरकार इस पर ध्यान दे तो हम बहुत जल्द कोरोना के संक्रमण को खत्म करने में सफल हो जाएंगे।


*रवीश पाण्डेय* की रिपोर्ट