*प्रकृति के तीन कड़वे नियम, जो सत्य है !!! : विश्‍वामित्र पाण्डेय


*1. प्रकृति का पहला नियम :* यदि खेत में बीज न डालें जाएं, तो कुदरत उसे *घास-फूस* से भर देती हैं !! ठीक उसी तरह से दिमाग में *सकारात्मक* विचार न भरे जाएँ, तो *नकारात्मक* विचार अपनी जगह बना ही लेती है !! 


*2. प्रकृति का दूसरा नियम :* जिसके पास जो होता है, *वह वही बांटता है !!*
• सुखी *सुख* बांटता है !!
• दुःखी *दुःख* बांटता है !!
• ज्ञानी *ज्ञान* बांटता है !!
• भ्रमित *भ्रम* बांटता है !!
• भयभीत *भय* बांटता हैं !!
 


*3. प्रकृति का तिसरा नियम :* आपको जीवन में जो भी मिले, उसे *पचाना* सीखो क्योंकि ;
• *भोजन* न पचने पर, रोग बढते है !!
• *पैसा* न पचने पर, दिखावा बढता है !!
• *बात* न पचने पर, चुगली बढती है !!
• *प्रशंसा* न पचने पर, अंहकार  बढता है !!
• *निंदा* न पचने पर, दुश्मनी बढती है !!
• *राज* न पचने पर, खतरा बढता है !!
• *दुःख* न पचने पर, निराशा बढती है !!
• *सुख* न पचने पर, पाप बढता है !! 


*बात कड़वी बहुत है, पर सत्य है !!!