जीवन के लिये  स्तंभ है पिता - शिवाकांत  तिवारी  


सलेमपुर देवरिया भाजपा  नेता  व  व्यापार मंडल के  जिला  संगठनमंत्री शिवाकांत  तिवारी  ने  अपने  जीवन  काल मे  पिता  के  नही रहने पर एक लेख से पिता से आशिर्वाद व पिता के प्रती अपनी  वेदना  को  व्यक्त  किया है  शिवाकांत  तिवारी  ने  कहा कि  22  मार्च  2004 मेरे  जीवन  का  सबसे  बुरा  दिन  रहा है  उस  दिन मेरे  पिता जी अपना  जीवन  दुनिया  से  त्याग  कर  दिये थे  उस  वक्त  मेरी  उम्र  में 18 साल थी l  मेरे  पिता ने अपने जिम्मेदारियो को  आशिर्वाद  देकर  समाज  मे  मूझे  बड़ा  बना  दिया l  लेकिन  उनका  आशिर्वाद  हमेशा  मेरे  साथ  रहा   अौर  उनके  आशिर्वाद  ने  मूझे  कही  झुकने  नही  दिया  पिता जीवन की आधारशिला है  उसका  महत्व  बच्चो के जीवन मे  प्रमुख  है  पिता  बच्चो  का  सपना  है  इसलिये  मनुष्य  के  जीवन  में  पिता  का  होना  अनिवार्य है  क्योकी  पिता  एक  जीवन दान है ,मेरा स्वाभीमान  है  पिता  पर  सबको अभीमान  है  l  ये  पिता  दिवस  की  गाथा  कभी  समाप्त  नही  होगी  इसलिये  मनुष्य  को  अपने  पिता  पर  अभीमान  करना चाहिए  जीससे  जीवन का  भविष्य  उज्जवल  हो  सके ।