_जन्म जयंती पर विशेष_
*रवीश पाण्डेय*
सलेमपुर,देवरिया। देश के वीर सपूत 1857 ई० की क्रांति के जनक मंगल पाण्डेय अंग्रेजों के खिलाफ सिर उठाने वाले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पहले क्रांतिकारी के तौर पर विख्यात हैं।मंगल पाण्डेय ने पहली बार 'मारो फिरंगी को' का नारा देकर भारतीयों का हौसला बढ़ाया था. उनके विद्रोह से ही प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत हुई थी।
देश के वीर सपूत 1857 क्रांति के जनक मंगल पांडे की जयंती पर समाजसेवी रवीश पाण्डेय ने कहा कि देश की आजादी के लिए लड़ी गई लड़ाई की पहली जंग कहे जाने वाले 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का आगाज करने वाले मंगल पाण्डेय की आज 194वीं जयंती है।पूरा देश आज मां भारती के उस वीर पुत्र को याद कर रहा है।. मंगल पाण्डेय ने अपने साहस से अंग्रेजी हुकूमत को कड़ी टक्कर दी थी।
बर्बर अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध 1857 में क्रांति का बिगुल फूंक अपने बलिदान से राष्ट्र को जागृत करने वाले मां भारती के अमर सपूत मंगल पांडे की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
मंगल पाण्डेय की जंयती पर उनको याद करते हुए कहा कि प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम -1857 की क्रांति के अग्रदूत, मां भारती के वीर सपूत अमर बलिदानी मंगल पाण्डेय की शहादत को भारतीय कभी भुला नही सकते।
अमर शहीद मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवा में एक ब्रह्मण परिवार में हुआ. इनके पिता का नाम दिवाकर पांडे और माता का नाम अभय रानी था।
आज (19 जुलाई) मंगल पांडे 194वीं जयंती है।
29 मार्च 1857 को मंगल पाण्डेय ने अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोला था।उन्होंने कलकत्ता के पास बैरकपुर परेड मैदान में रेजीमेंड के अफसर पर हमला कर उसे घायल किया था। वे ईस्ट इंडिया कंपनी में सैनिक के तौर पर भर्ती हुए थे।लेकिन बाद में उन्होंने ब्रिटिश अधिकारियों के भारतीयों के ऊपर अत्याचार को देखकर अंग्रेजों के खिलाफ सिर उठाया था. 6 अप्रैल 1557 को मंगल पांडेय का कोर्ट मार्शल कर दिया गया और 8 अप्रैल को फ़ांसी दे दी गई।