भारतीय जनता पार्टी के देवरिया जिले केयुवा नेता शिवाकांत तिवारी ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी के जयंती पर कहा कि दीन दयाल उपाध्याय भारतीय जनसंघ के नेता और भारतीय राजनीतिक एवं आर्थिक चिंतन को वैचारिक दिशा देने वाले पुरोधा थे। यह अलग बात है कि उनके बताए सिद्धांतों और नीतियों की चर्चा साम्यवाद और समाजवाद की तुलना में बेहद कम हुई है। वे उस परंपरा के वाहक थे जो नेहरु के भारत नवनिर्माण की बजाय भारत के पुनर्निर्माण की बात करती है। भारत में ज्ञान के प्रसार-प्रचार एवं संचार की प्रणाली के रूप में कथा और उपदेश पद्धति को पुरातनकाल से स्वीकार्यता प्राप्त है। भगवद् गीता में श्रीकृष्ण ने गीता का ज्ञान उपदेश की पद्धति से दिया तो भगवान बुद्ध ने भी ज्ञान के प्रसार का माध्यम उपदेश को ही बनाया।
आज के दौर में जब संचार के विविध माध्यम उपलब्ध हैं और बात को आम लोगों तक पहुंचाने के विविध तरीके भी खोज लिए गए हैं, बावजूद इसके भारत के आमजन के मानस पटल पर 'उपदेश अथवा कथा' पद्धति के प्रति जो विश्वास का भाव है, वो अन्य किसी भी पद्धति के प्रति नहीं है। इस लिहाज से अगर देखें तो पंडित दीनदयाल जी द्वारा की गयी यह विचार पूर्णतया भारतीय भावना के अनुरूप है। पंडित दीनदयाल जी के सपनो को साकार करने के प्रति भाजपा संकल्पित है।